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दर्दनाक : कोरोना संकट की वो खबर, जिसे आज तक नहीं भुला पाए हैं लोग

इस कोरोना काल में जहां हज़ारों लोगों ने अपनी जान गवां दी, वहीं कुछ ऐसे दर्दनाक समाचार भी सुनने को मिले, जिन्होंने हम सभी को झकझोर कर रख दिया। आज हम आपको ऐसे ही केस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आज भी लोग नहीं भुला पाए हैं।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक दर्दनाक मामला सामने आया था। यहां मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट डॉक्टर वंदना तिवारी को ग्वालियर में नॉनस्टॉप ड्यूटी के चलते ब्रेन हैमरेज हो गया था, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। वो दो दिन से कोमा में थी और आखिरकार वो जिंदगी की जंग हार गई।

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शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट पद पर पदस्थ वंदना तिवारी को कोरोना संक्रमण के खिलाफ काम करने वाली टीम में तैनात किया गया था। बताया गया है कि 31 मार्च को ऑन ड्यूटी अचानक तबीयत खराब हो गई। जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां डॉक्टरो ने वंदना तिवारी को ग्वालियर के जयरोग्य चिकित्सालय में रैफर कर दिया। वहां उनके ब्रेन हैमरेज का ऑपरेशन किया गया लेकिन वो कोमा में चली गईं। जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

वंदना कोरोना ड्यूटी के लिए 3 साल के बच्चे को घर छोड़ मेडिकल कॉलेज में ही रह रही थीं। डॉ वंदना का कोरोना सेम्पल भी जाँच के लिए गया है। हालाँकि अभी उनकी कोरोना रिपोर्ट नहीं आई है।

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