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इस तकनीकी से भारत में कई कोरोना मरीज हुए ठीक, अमेरिका और चीन में भी शुरू

कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में तहलका मचा रखा है। इससे अभी तक सिर्फ भारत देश में 199 मौतें हो चुकी हैं। वहीं विश्व की बात करें तो मौत का आंकड़ा 95766 पहुंच चुका है। इससे लड़ने के सारे तरीके अपनाए जा चुके हैं। इन सबके बीच में भारत से एक राहत की बात सामने आई है।

एक रिपोर्ट की माने तो इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में कोरोना वायरस के लिए प्लाज्मा ट्रीटमेंट के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस ट्रीटमेंट से लोग जल्द से जल्द ठीक हो सकते हैं।

आइए जानते हैं कि आखिर प्लाज्मा ट्रीटमेंट क्या है?

 

इस परीक्षण में कोरोना वायरस से बाहर आए मरीजों का रक्त से प्लाज्मा निकालकर बीमार रोगियों को ठीक करने के लिए दिया जाता है। उनको के अंदर पहले से ही एंटीबॉडी शामिल होती है जो वायरस को दूर भगाती है।

इस शोध से पता चला कि यह संक्रमित की प्रतीरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है।

प्लाजमा ट्रीटमेंट बहुत ही महंगा और सीमित होता है। एक ठीक हुए मरीज से 1 दान से उपचार से केवल दो खुराकें मिल सकती हैं।

इसे डब्ल्यूएचओ ने भी कारगर माना है। उनकी माने तो यह थेरेपी एक ‘बहुत ही मान्य’ दृष्टिकोण है लेकिन परिणाम को अधिकतम करने में सबसे कारगर साबित है।

आपको बता दें कि अमेरिका और चीन में इसका उपयोग शुरू हो चुका है। चीन ने यह तक भी बोला है की प्लाज्मा थेरेपी से काफी मरीजों को ठीक किया गया है।

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