Main Slideअन्तर्राष्ट्रीयराष्ट्रीयस्वास्थ्य

हैरान कर देने वाली रिपोर्ट आई सामने, जूतों से भी हो सकता है कोरोना वायरस

दिन प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वायरस को पूरे विश्व में महामारी घोषित कर दिया है। अभी तक पूरे विश्व में 30000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं भारत की बात करें तो 25 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने सबसे यह अपील की है कि कोई भी घर से बाहर ना निकले और अपने आसपास साफ सुथरा रखें।

लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी छोटी सी गलती इस वायरस को अपने घर में प्रवेश करवा सकती है। यह गलती हैं आपके जूते।

जी हां एक रिसर्च स्टडी में यह बात सामने आई है कि जूते का सोल भी बैक्टीरिया, फंगस और वायरस का वाहक बन सकता है। बताया जा रहा है कि जूतों के सोल में भी कोरोना वायरस पांच दिन तक जिंदा रह सकता है। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस जूते के सोल में पांच दिन तक जिंदा रहता है, खासकर ऐसे जूतों में जो सार्वजनिक व्यस्त क्षेत्रों जैसे सुपर मार्केट, ट्रांसपोर्ट या अस्पतालों जैसी जगहों में पहने गए हों।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने पर उसके मुंह से निकले ड्रॉपलेट्स यानी द्रव कण के जरिए वायरस फैलता है। उनके खांसने या छींकने से हवा में फैली ड्रॉपलेट्स जमीन पर गिरे या फिर जूतों की हील या फीतों पर, तो वायरस के संपर्क में आने से जूतों के सोल में भी वायरस आ सकता है।

मालूम हो कि जूते का सोल ड्यूरेबल सिंथेटिक मैटेरियल्स यानी रबर, पीवीसी और लैदर प्लास्टिक वगैरह के बने होते हैं। इन मैटेरियलों में से हवा, द्रव या नमी नहीं गुजर सकती है, इसलिए इनमें बैक्टीरिया या वायरस के रहने की संभावना रहती है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी में भी यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस कार्डबोर्ड में 24 घंटे जिंदा रहता है। हालांकि यह वातावरण के तापमान पर भी निर्भर करता है।

कोरोना : झूठी अफवाह में आकर 300 लोगों ने गवां दी जान

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close