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संयुक्त राष्ट्र निर्भया के दोषियों की फांसी से भड़का, जाने क्यों

संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से मौत की सजा के इस्तेमाल को रोकने या इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है. निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों को भारत में फांसी दिए जाने के एक दिन बाद यह अपील की गई है. सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के सात साल बीत जाने के बाद मामले के चार दोषियों – मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई थी. फांसी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि वैश्विक संगठन सभी देशों से मौत की सजा का इस्तेमाल बंद करने या इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील करता है.

दुजारिक ने नियमित संवाददाता सम्मेलन के दौरान शुक्रवार को कहा, “हमारा रुख स्पष्ट है कि हम सभी राष्ट्रों से मौत की सजा का इस्तेमाल बंद करने या इस पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हैं.” देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर, 2012 के वीभत्स सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड ने देश भर में आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया था. यह पहली बार था जब चार लोगों को दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर, तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी पर लटकाया गया.

फांसी से एक दिन पहले रात को हत्‍यारे सो नहीं पाए. चारों हत्‍यारों ने अपनी आखिरी इच्‍छा भी नहीं बताई. फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया. दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की. रात भर चारों दोषियों पर बारीकी से नजर रखी गई, अलग से 15 लोगों की एक टीम तैनात की गई थीl

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