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पाकिस्तान से हरिद्वार आए तीर्थ यात्री भारत से लौटने को तैयार नहीं

पाकिस्तान से तीर्थ यात्रा पर हरिद्वार आए 50 सदस्यीय दल के सदस्य अब वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि ‘भारत में भीख मांग लेंगे, मेहनत मजदृरी करेंगे, लेकिन बहू-बेटियों को लेकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे।’ भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से पाकिस्तान में रह रहे हिंदु परिवारों में उम्मीद जगी है।

तीन फरवरी को बाघा बॉर्डर से होकर पहुंचे भारत

हैदराबाद (सिंध) से आए 50 सदस्यीय दल में शामिल लक्ष्मण पहले तो मीडिया से बातचीत को तैयार ही नहीं होते। किसी तरह फोटो न खींचने की शर्त पर वह बात करने पर राजी हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे लोग तीन फरवरी को बाघा बॉर्डर से होकर भारत पहुंचे। उन्होंने बताया वे 15 फरवरी को हरिद्वार पहुंचे और यहां वह एक आश्रम में ठहरे हुए हैं।

इमरान के कार्यकाल में बढ़े कट्टरवादियों के हमले

पाकिस्तान के हालात पर लक्ष्मण ने बताया कि उनका गांव हैदराबाद के पास है। वहां केले का व्यवसाय करते हैं, साथ ही ट्रांसपोर्ट का भी कारोबार है। उन्होंने बताया कि इमरान के कार्यकाल में कट्टरवादियों के हमले बढ़े हैं। परिवार की महिलाओं को बाजार में बेइज्जत किया जाता है। बहू-बेटियों की आबरू सुरक्षित नहीं है। स्थानीय प्रशासन और सरकार से किसी तरह की मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती।

रिश्तेदारों की मदद से करेंगे नागरिकता के लिए आवेदन

उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 से सिंध से 201 परिवार भारत आ चुके हैं, जो वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। इन्हीं में से एक रिश्तेदार ने उन्हें भारत आने की सलाह दी। ये परिवार दिल्ली की बस्तियों में रह रहे हैं। लक्ष्मण के अनुसार वे अपने इन्हीं रिश्तेदारों की मदद से नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे। लक्ष्मण का कहना है कि अब वे किसी भी हाल में पाकिस्तान नहीं जाएंगे। हालांकि, उनके माता-पिता वहीं हैं, उनकी चिंता भी उन्हें सता रही है।

हिंदुओं की जायदाद न खरीदने का किया ऐलान

लक्ष्मण ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद सिंध में कई स्थानों पर कट्टपंथियों ने खुले तौर पर एलान कर रखा है कि कोई भी हिंदुओं की जायदाद नहीं खरीदेगा। वीजा लेने के लिए भी वे जमीन-जायदाद नहीं बेच रहे। इससे पाकिस्तानी अधिकारियों को किसी तरह का संदेह नहीं होता।

सीएए लागू करने का किया स्वागत

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 212 हिंदुओं का जत्था हरिद्वार की यात्रा पर आया है। उन्होंने भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने का स्वागत किया। कहा कि सीएए लागू होने से पाकिस्तान से भारत आने वाले लाखों शरणार्थियों को संजीवनी मिल गई है। श्रद्धालुओं का यह जत्था 30 जनवरी को अटारी बार्डर से भारत आया था। 15 फरवरी को जत्था धर्मनगरी पहुंचा और 19 फरवरी को पाकिस्तान लौट जाएगा।

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