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भारतीय मजदूर संघ विनिवेश और निजीकरण के खिलाफ करेगा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कहा है कि उनके द्वारा विनिवेश, निजीकरण और अनुबंध पर रोजगार  जैसी सरकार की नीतियों के विरोध में 3 जनवरी को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। बीएमएस ने शनिवार को एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार को सजग करने के लिए 3 जनवरी 2020 को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

कामगारों पर कभी भी रोजगार जाने का डर

बयान में कहा गया कि संगठन दिल्ली में जंतर-मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन करेगा। बीएमएस ने कहा कि देश में औपचारिक क्षेत्र में अधिकतर रोजगार या तो अनुबंध पर कर दिए गए हैं या एक तय अवधि के लिए ही रोजगार दिया जा रहा है। इससे रोजगार की सुरक्षा ख़त्म हो गई है और कामगारों पर कभी भी रोजगार जाने का डर बना रहता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पर रोक लगाने की मांग  

संगठन ने आंगनवाड़ी, आशा, पीडीएस, मिड डे मील, एनएचएम आदि योजनाओं के अंतर्गत काम कर रहे लोगों को सरकारी कर्मचारी का पद देने की भी सिफारिश की है। संगठन ने विनिवेश, रणनीतिक बिक्री, निगमीकरण और सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाने की भी सिफारिश की है। संगठन का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इस देश के औद्योगिक ढांचे की रीढ है। सरकार को इनके विनिवेश और निजीकरण पर रोक लगा देनी चाहिए।

रेलवे सेवाओं के निजीकरण पर रोक

सगंठन ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बारे में कहा कि इस पर जल्द से जल्द रोक लगायी जानी चाहिए। संगठन ने कहा कि रक्षा क्षेत्र का उत्पादन भी कंपनियों के हवाले करना उचित नहीं है। यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से सम्बंधित है। बीएमएस ने रेलवे सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की है। संगठन का कहना है कि भारतीय रेल आवश्यक सेवा है और भारतीय शहरों की जीवन रेखा है इसका निजीकरण खत्म कर देनी चाहिए।

 

 

 

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