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बदरीनाथ धाम के कपाट किये गये बंद, आदि केदारेश्वर मंदिर में भी हुई पूजा-अर्चना

पहले दिन भगवान गणेश मंदिर के कपाट के बाद श्री आदि केदारेश्वर जी व आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल के लिये बंद कर दिए गयेl बदरीनाथ धाम स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को पूरे विधि-विधान से अन्नकूट पूजा के बाद बंद किये गये।

ग्रामीणों के साथ तीर्थयात्री भी पूजा में हुए शामिल

इस प्रक्रिया के दौरान माणा और बामणी गांव के ग्रामीणों के साथ साथ तीर्थयात्री  भी इस साल आदि केदारेश्वर मंदिर में संपन्न होने वाली अंतिम पूजा में शामिल हुए।

बदरीनाथ की महाअभिषेक पूजा हुई सम्पन्न

बदरीनाथ की धार्मिक परमपरा के हिसाब से बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे भगवान बदरीनाथ की महाअभिषेक पूजा की गयी। साथ ही आदि केदारेश्वर मंदिर में भी पूजा-अर्चना संपन्न की गयी।

ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने केदारेश्वर भगवान की पूजा

बदरीनाथ को भोग लगाने के बाद बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने केदारेश्वर भगवान का अभिषेक कर अन्नकूट पूजा संपन्न की। इसके बाद दोपहर दो बजे विधि विधान और पूजा-अर्चना के साथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

इस वर्ष इतने श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

भगवान बदरी विशाल के कपाट 17 नवम्बर को 5: बजकर 13 मिनट पर शीतकाल मे श्रद्धालुओ के लिए बंद कर दिया जायेंगे। इस वर्ष अब तक भगवान बदरीनाथ धाम में 12 लाख 19 हजार 721 से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।

 

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