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सैनिकों का सम्मान सबसे बढ़कर : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारे लिए सैनिकों का सम्मान सबसे बढ़कर है। सेना का सम्मान करना अपने देश का सम्मान करना है। हमारी सेना विशिष्ठ सेना है। हमारी सेना ने हमेशा शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए देश का मान बढ़ाया है। कारगिल जैसी कठिन लड़ाई को भी विपरीत परिस्थितियों में जीता। मुख्यमंत्री देहरादून के एक स्थानीय होटल में राज्य स्थापना सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम ‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान’’ में सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति की ही पूजा होती है। जिस देश की सैन्य शक्ति मजबूत है, दुनिया उसे सम्मान देती है। बलि बकरी की दी जाती है, शेर की नहीं। लड़ाई शस्त्र और शास्त्र से जीती जाती है। सेना मजबूत होने से ही देश मजबूत रहेगा।

धारा 370 हटने से विकास की ओर बढ़ रहा है कश्मीर

मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर बोलते हुए कहा कि कश्मीर में धारा 370 की वजह से बहुत सी समस्याएं थीं। अब इसके हटने से कश्मीरी खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आज कश्मीर विकास की ओर बढ़ रहा है।

देहरादून में बनेगा सैन्यधाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम का नाम लिया था। हम देहरादून में सैन्य धाम बनाने जा रहे हैं। इसके लिए देहरादून नगर निगम ने 60 बीघा जमीन दे दी है। बजट का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है।

सरकार के लिए सैनिकों का हित सर्वोपरि

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जीवन मूल्यों को भूलना नहीं चाहिए। हम सभी का सामाजिक दायित्व होता है। सैनिकों के प्रति हम सभी में संवेदनाएं हैं। सैनिकों का हित हमारे लिए सबसे पहले है। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए हमने शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। हम शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित कर रहे हैं। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं।

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