मनोरंजनMain Slide

Pranaam REVIEW : 20’s के दौर में 80’s का बॉलीवुड ज़िंदा करने वाली दमदार कहानी है ‘प्रणाम’

अस्सी के दशक में बनी फिल्मों में बदला, आग और हीरो से विलेन बनाने वाली फिल्मों ने बॉलीवुड पर राज किया। लेकिन पिछले कई वर्षों से फिल्मों में ये विषय अछूता रहा। अगर आप काफी लंबे समय से क्लास से भरपूर फिल्म नहीं देखें हैं, तो यकीन मनिए निर्देशक संजीव जायसवाल की फिल्म ‘प्रणाम’ का सब्जेक्ट आपके दिल को छू जाएगा।

कहानी में लखनऊ का लड़का अजय सिंह (राजीव खंडेलवाल) आइएएस बनने की तैयारी कर रहा है। उसके पिता दीनानाथ (एसएम जहीर) चपरासी की नौकरी करता है, लेकिन पार्ट टाइम वो होटल पर भी काम करता है, ताकि वो अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दे सके। अजय सिंह के साथ आइएएस की तैयारी करनेवाली अमीर घर की मंजरी शुक्ला (समीक्षा सिंह) अजय से गहरी मोहब्बत करती है।

प्रणाम

लेकन शहर में तो गुंडा राज चरम सीमा पर रहता है। शहर के जाने माने गुंडे गनु भैया (अभिमन्यु सिंह) राजनीति के साथ साथ गुंडई भी तगड़ी करते हैं। इसी गुंडई में वो पेपर लीक करवा देते हैं और इसमें वो यूनिवर्सिटी के ईमानदार प्रोफेसर तेज प्रताप सिंह (विक्रम गोखले ) को फंसा देते हैं। लेकिन हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि तेज प्रताप सिंह की बेटी को गनू भैया के गुंडों से बचाने के चक्कर में अजय सिंह के हाथों गनु भैया का कत्ल हो जाता है।

इसके बाद मामले की जांच इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर व पैसों के नशे में चूर (करप्ट) राजपाल सिंह (अतुल कुलकर्णी) करते हैं। अपनी कार्रवाई में वो कत्ल ही नहीं बल्कि पेपर लीक का ज़िम्मेदार अजय सिंह को बना देते हैं। इसके बाद अजय पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है और बदला लेने के लिए वो आईएएस बनने का सपना छोड़ गैंगस्टर बनने पर मजबूर हो जाता है।

20’s के दौर में 80’s का बॉलीवुड ज़िंदा करने वाली दमदार कहानी है ‘प्रणाम’

बेशक निर्देशक संजीव जायसवाल ने फिल्म प्रणाम में अस्सी के दशक में बनने वाली फिल्मों का पूरा फील दिया है। फिल्म के हर सीन में अपको प्यार, लक्ष्य, संघर्ष ,समझौता और बदले की कहानी दिखेगी। फिल्म का म्यूज़िक काफी अच्छा है। वहीं बीच-बीच में शामिल किए गए गाने फिल्म के हर एक सीन को बखूबी सपोर्ट कर रहे हैं।

कलाकारों की ऐक्टिंग – राजीव खंडेलवाल ने (अजय सिंह) के पात्र के साथ सही मायने में न्याय किया है। फिल्म में गैंगस्टर और एक छात्र के किरदारों में उन्होंने अच्छी अभिनय किया है। मंजरी की भूमिका में दिखीं समीक्षा सिंह की एक्टिंग फिल्म में जान डाल रही हैं। वहीं फिल्म में अभिमन्यु सिंह, अतुल कुलकर्णी, विक्रम गोखले ,एस एम जहीर और अनिरुद्ध दवे जैसे कलाकार काफी स्टेबल दिखें हैं और अपने पात्रों को बखूबी निभाया है।

फिल्म क्यों देखें – लंबे समय से अगर कोई क्लासिक मूवी नहीं देखी है, तो ज़रूर देखें। फिल्म अच्छी लगेगी।

स्टार – 4.5 / 5.0

फिल्म समीक्षा – देवांशु तिवारी

 

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close