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ऐसे हुआ था शिव पुत्रियों का जन्म, संसार में चुनिंदा लोगों को ही पता है यह अनसुनी कहानी

धार्मिक कहानी मधुस्रावणी व्रत कथा में यह कहा गया है कि एक समय सरोवर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जल क्रीड़ा कर रहे थे। उसी समय भगवान शिव का कुछ अंश एक पत्ते पर आ गया। और इससे पांच कन्याओं का जन्म हुआ।

ये पांच कन्याएं नाग रूप में थीं। शिव पुराण में भोलेनाथ की एक पुत्री का वर्णन मिलता है जो नागों की देवी मनसा हैं। कहानी के अनुसार इसकी पार्वती माता को कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन भोलेनाथ अपनी इस लीला को जानते थे। वे हर रोज सुबह के समय सरोवर में अपनी पुत्रियों के साथ खेला करते थे और उन्हें प्यार दुलार करते थे।

भोलेनाथ का रोज सुबह इस प्रकार से जाना पार्वती माता को कुछ अजीब लगा, उन्हें कुछ संदेह हुआ। इसलिए वे शिव जी के पीछे पीछे सरोवर तक चली गई। जब वहां उन्होंने शिव जी को उन नाग कन्याओं के साथ खेलते देखा तो वे क्रोधित हो उठी।

गुस्से में आकर माता पार्वती ने उन कन्याओं को मारने के लिए जैसे ही पैर उठाया शिव जी ने उन्हें रोका और बताया ये आपकी ही पुत्रियां हैं। भगवान शिव ने पार्वती माता को उनके जन्म की कथा बताई, तो माता हँसने लगी और उन कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि रख दिया।

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